मोदी के इस केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस नेता से मांगी माफी
बीते सप्ताह मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के बाद सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी दल कांग्रेस के बीच विशेषाधिकार हनन को लेकर धींमामुश्ती का दौर जारी है. गुरुवार को लोकसभा में मध्य प्रदेश के गुना से कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया शिवपुरी-देवास फोन लेन राजमार्ग के उद्घाटन समारोह में न बुलाए जाने को लेकर सरकार पर जमकर बरसे.
उन्होंने इस मसले को उठाते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस देने की भी बात कही.
राज्य सरकार के सभी लोगों का नाम और उनका गायब
गुरुवार को लोकसभा के शून्यकाल में कांग्रेस के मुख्य सचेतक ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि लोकार्पण कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी गए थे. इनविटेशन कार्ड पर पर उनका नाम कहीं नहीं था. सीएम और राज्य सरकार के तमाम लोगों के नाम शामिल थे. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि इसको लेकर विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव वे लोकसभा अध्यक्ष के माध्यम से केंद्रीय मंत्री को दे रहे हैं.
मंत्री ने मानी विभागीय चूक और ली जिम्मेदारी
ज्योतिरादित्य का नाम आमंत्रण पत्र पर न होने को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि उनका नाम इनविटेशन कार्ड पर नहीं था. चूंकि वे विभाग के मंत्री हैं, लिहाजा यह उनकी जिम्मेदारी है. उन्होंने विपक्षी सांसदों के भारी हंगामे के बीच कहा कि वे स्वीकार करते हैं कि कार्यक्रम में सांसद आए या न आएं, उनका नाम आमंत्रण पत्र में होना चाहिए था.
उन्होंने कहा कि इसके लिए वे विभाग की ओर से क्षमा मांगते हैं. सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सभी के साथ यदि इसी ढंग से व्यवहार किया जाएगा, तो यह ठीक नहीं है.
केंद्रीय मंत्री के ज्योतिरादित्य सिंधिया से माफी मांगे जाने के बावजूद कांग्रेस सदस्य शांत नहीं हुए. उन्होंने ज्योतिरादित्य के साथ ही पार्टी के तमाम सदस्य इस रवैए को लेकर सरकार पर हमलावर नजर आए. कांग्रेस सदस्यों ने अपनी जगह पर खड़े होकर अपनी नाराजगी जाहिर की. हंगामे को देखते हुए लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि गडकरी जी ने तुरंत माफी मांगी है और यह उनका बड़प्पन है. यह काफी अच्छी पहल है.
कांग्रेस सदस्यों को शांत रहने की बात कहते हुए लोकसभा स्पीकर ने कहा कि सदन की यह पद्धति नहीं है. ज्योतिरादित्य सिंधिया का यह तरीका भी ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि यहां पर भी निर्देश हैं कि जहां कहीं भी केंद्र सरकार का कार्यक्रम हो, तो सांसदों को बुलाया जाना चाहिए. यदि नहीं बुलाया जा रहा है, तब वे कहना चाहती हैं कि बुलाया जाना चाहिए.