मोदी सरकार 2.0 के एक साल याद रखेगा हिंदुस्तान, बदला भारत और मिला मान
- मोदी सरकार 2.0 का एक साल बेमिसाल
- नागरिकता संशोधन और तीन तलाक
- राम मंदिर बनने का रास्ता साफ
- कश्मीर से अनुच्छेद 370 का खात्मा
- 10 सरकारी बैंकों का विलय
संवाद न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब से देश में सत्ता की कमान संभाली है तब से न जाने कितने अहम फैसले किए जा चुके हैं। इस दौरान देश में कई ऐसे बदलाव भी हुए जिससे उनको काफी सराहना भी मिली।
इतना ही नहीं पीएम मोदी लोगों के बीच में इतने लोकप्रिय होते गए कि 30 मई वर्ष 2019 को उन्होंने राष्ट्रपति भवन में प्रधानमंत्री पद की दोबारा शपथ ली। तब से लेकर अब तक मोदी सरकार ने क्या बड़े फैसले लिए आइए जानते हैं-
तीन तलाक से मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ
सबसे पहला फैसला मुस्लिम महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए लिया गया था जो कि तीन तलाक बिल के रूप में था। हांलाकि पीएम मोदी का ये प्रयास पहली बार सत्ता में आने के दौरान अधूरा रह गया था जिसे दोबारा कमान संभालते ही पीएम मोदी ने पूरा कर दिया। बता दें कि पहली दफा ये बिल लोकसभा में पास कर दिया गया था लेकिन राज्यसभा में फंस गया था। फिलहाल पीएम मोदी के इस सराहनीय प्रयास से मुस्लिम महिलाओं को बहुत राहत मिली और 30 जुलाई को मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2019 राज्यसभा में भी पास हो गया।
कश्मीर से अनुच्छेद 370 का खात्मा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जो दूसरा मुद्दा था वो कश्मीर से अनुच्छेद 370 का खात्मा करना था। जिसके बाबत मोदी सरकार ने दूसरी बार सत्ता में वापसी के दौरान 5 अगस्त को ही ये फसला भी मुकर्रर कर दिया। परिणाम स्वरूप गृह मंत्री अमित शाह ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का संकल्प प्रस्तुत कर दिया। जिसके बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अलग-अलग केंद्रशासित प्रदेश के रूप में बंट गए।
राम मंदिर का फैसला
मोदी सरकार ने अगला कदम सदियों से चले आ रहे राम मंदिर के मसले की तरफ बढ़ाया। हांलाकि कुछ लोगों द्वारा ये भी कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार भी कोई रास्ता नहीं निकलेगा और ये मुद्दा एक राजनीतिक मुद्दा बनकर ही रह जाएगा। लेकिन 9 नवंबर 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर एक बड़ा फैसला सुनाया।
जिसमें अयोध्या की 2.77 एकड़ की विवादित भूमि राम मंदिर निर्माण के लिए दे दी गई। इस मसले को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली पांच सदस्सीय संविधान पीठ संभाल रही थी और एक बड़ा फैसला सुनाया।
नागरिकता संशोधन कानून लागू
मोदी सरकार का अगला बड़ा कदम नागरिकता संशोधन कानून को लागू करने के लिए उठा। बता दें कि इस कानून का विरोध करने के लिए लोग सड़कों पर भी उतरे और जमकर इसका विरोध भी किया। लेकिन कानून लागू कर दिया गया। 9 दिसंबर को ये कानून लोकसभा में पास कर दिया गया। वहीं 11 दिसंबर को राज्यसभा ने भी इसे हरी झंडी दिखा दी।
हांलाकि इस मसले पर घंटों नोक-झोंक हुई लेकिन अंतत: इसे पास कर दिया गया। लोगों के दिमाग में यह गलतफहमी उत्पन्न हो गई कि इस नियम को लागू करने से लोगों की नागरिकता छिन जाएगी। लेकिन गृहमंत्री अमित शाह ने बखूबी इस पर चर्चा करते हुए लोगों को समझाया कि ये नियम नागरिकता छीनने के लिए नहीं बल्कि नागरिकता देने के लिए लागू किया गया है।
10 सरकारी बैंकों का विलय
वहीं मोदी सरकार ने अपने अगले कदम में देश के 10 सरकारी बैंकों का विलय करके 4 बड़े बैंक बना दिए। यूनियन बैंक, केनरा बैंक, पीएनबी और इंडियन बैंक में 6 अन्य बैंकों को शामिल कर दिया गया। जिसके तहत यूनाइटेड और ओरियंटल बैंक को पंजाब नेशनल बैंक में शामिल कर दिया गया। इलाहाबाद बैंक को इंडियन बैंक में शामिल कर दिया गया। सिंडिकेट बैंक को केनरा बैंक में शामिल कर दिया गया।
वहीं कॉरपोरेशन तथा आंध्रा बैंक को यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में शामिल कर दिया गया। सिर्फ इतना ही नहीं वित्त मंत्री ने इसके बाद 55 हजार 250 करोड़ रूपए के राहत पैकेज की भी घोषणा की।
अब वर्तमान में देखा जाए तो कोरोना महामारी के विस्तार को देखते हुए पीएम मोदी ने जनता कर्फ्यू और लॉकडाउन जैसे बड़े फैसले लिए। साथ ही 20 लाख करोड़ रूपए के आर्थिक पैकेज की भी घोषणा कर दी।
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